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CBSE Result: पहले बोर्ड रिजल्ट में पिछड़े अटल उत्कृष्ट विद्यालय, पढ़ें फिसड्डी साबित हुए ये स्कूल….

Exam. Hillvani News

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सरकार ने करोड़ों खर्च कर सीबीएसई पैटर्न के जिन अटल उत्कृष्ट विद्यालयों से गुणवत्तायुक्त शिक्षा का सपना दिखाया, उन 155 विद्यालयों की सीबीएसई के पहले ही बोर्ड रिजल्ट में पोल खुल गई। हालात ये हैं कि 10वीं में इन विद्यालयों का रिजल्ट 60.49 प्रतिशत और 12वीं में महज 51.49 प्रतिशत रहा। इसके उलट जवाहर नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालयों ने फिर रिजल्ट में अपनी बादशाहत साबित की है। 10वीं में 11 और 12वीं में 20 स्कूल तो ऐसे हैं, जिनके 30 प्रतिशत बच्चे ही पास हो पाए हैं। 10वीं में जवाहर नवोदय विद्यालय का पासिंग प्रतिशत 99.40 फीसदी रहा, जबकि 12वीं में भी सबसे अधिक 98.96 प्रतिशत रहा। दूसरे नंबर पर केंद्रीय विद्यालय और सरकारी विद्यालय रहे। केवि का 10वीं में पासिंग प्रतिशत 98.94 फीसदी रहा, जबकि 12वीं में सरकारी विद्यालयों का पासिंग प्रतिशत 96.24 फीसदी रहा। हालांकि जीआईसी उर्गम, चमोली ने 10वीं में 100 प्रतिशत, जीआईसी खिरेरिखाल पौड़ी ने 10वीं, 12वीं में 100 फीसदी, जीआईसी श्रीकोठाल एकेश्वर, पौड़ी और जीआईसी बुंगलागढ़ी पौडी ने 10वीं में 100 प्रतिशत रिजल्ट दिया है। माना जा रहा है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के खराब नतीजों की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर सीबीएसई देहरादून रीजन का रिजल्ट भी नीचे गया है।

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98 उत्कृष्ट विद्यालय ऐसे, जिनके 50 प्रतिशत से भी कम नतीजे
प्रदेश में 98 अटल उत्कृष्ट विद्यालय ऐसे हैं, जिनके नतीजे 50 प्रतिशत से भी कम रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, 10वीं में 39 ऐसे विद्यालय हैं, जिनके आधे छात्र भी पास नहीं हो पाए। वहीं 12वीं में 59 ऐसे विद्यालय हैं, जिनके 50 प्रतिशत या इससे कम बच्चे पास हुए हैं। 155 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में 10वीं के 8625 में से 5142 और 12वीं के 12753 में से 6481 छात्र ही पास हुए हैं।
CBSE बोर्ड चलाने का सरकार का प्रयोग भी फेल
सरकार ने वर्ष 2021-22 में उत्तराखंड बोर्ड के सरकारी स्कूलों को प्रयोग के तौर पर सीबीएसई बोर्ड से चलाने का निर्णय लिया। पहली परीक्षा में आधे छात्र-छात्राओं के फेल होने से सरकार का प्रयोग भी फेल हो गया। पहले चरण में 189 सरकारी स्कूलों को अटल उत्कृष्ट स्कूल बनाया गया था। इन स्कूलों के छात्रों ने इस साल पहली बार सीबीएसई बोर्ड की 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा दी, लेकिन 12 वीं में जहां आधे छात्र फेल हो गए। वहीं 10वीं का पास प्रतिशत मात्र 60.49 प्रतिशत रहा है। शिक्षकों का मानना है कि बच्चे नहीं बल्कि सिस्टम फेल हुआ है। सरकार की ओर से प्रयोग के तौर पर इन स्कूलों को अटल उत्कृष्ट स्कूल तो बना दिया गया, लेकिन इन स्कूलों में न तो पर्याप्त संबंधित विषय के शिक्षक थे न प्रिंसिपल। वहीं बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक का कहना है कि पहली बार छात्र-छात्राओं ने सीबीएसई माध्यम से बोर्ड परीक्षा दी थी, अंग्रेजी माध्यम होने की वजह से बच्चों के सामने कुछ दिक्कत आई है।

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ये उत्कृष्ट विद्यालय नतीजों में फिसड्डी
विद्यालय का नाम 10वीं का रिजल्ट 12वीं का रिजल्ट
जीआईसी स्योकोटि, बागेश्वर 6.52 33.96
जीआईसी सिकरोढ़ा, हरिद्वार 44.44 ०.००
जीआईसी निरंजनपुर लक्सर, हरिद्वार 37.39 10.53
जीआईसी देवीपुरा रामनगर, नैनीताल 57.26 17.09
जीआईसी सकनोलीखाल, पौड़ी 6.45 31.15
जीआईसी खटीमा, ऊधमसिंह नगर 33.83 8.64
जीआईसी गजरौला, बाजपुर, यूएस नगर 20.8 14.13
जीआईसी बिजिटी सितारगंज, ऊधमसिंह नगर 28.89 18.84
जीआईसी दान्या बनोली, अल्मोड़ा 18.92 56.08
जीआईसी बुंगीधर, पौड़ी 57.32 21.62
(रिजल्ट प्रतिशत में)

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ये है सभी विद्यालयों का स्कोर कार्ड- 10वीं
अटल उत्कृष्ट विद्यालय – 60.49 फीसदी
सरकारी स्कूल – 95.37 फीसदी
निजी स्कूल – 93.12 फीसदी
जवाहर नवोदय विद्यालय – 99.40 फीसदी
केंद्रीय विद्यालय – 98.94 फीसदी
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय – 97.50 फीसदी
सेंट्रल तिब्बतन स्कूल एसोसिएशन – 95.54 फीसदी
प्राइवेट छात्र – 23.08 फीसदी

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ये है सभी विद्यालयों का स्कोर कार्ड-12वीं
अटल उत्कृष्ट विद्यालय – 51.49 फीसदी
सरकारी स्कूल – 96.24 फीसदी
निजी स्कूल – 98.05 फीसदी
जवाहर नवोद विद्यालय – 98.96 फीसदी
केंद्रीय विद्यालय – 94.92 फीसदी
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय – 90.03 फीसदी
सेंट्रल तिब्बतन स्कूल एसोसिएशन – 97.19 फीसदी
प्राइवेट छात्र – 80.27 फीसदी

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